हर आदमी का यहाँ अपना अपना एक आकाश
जीने की इच्छा भी है कुछ करने की है जिज्ञास
सब कुछ अच्छा होगा इस बात की है एक आस
अपने अपने भगवान पर हर एक को है विश्वास
सब की अपनी मजबूरी सबके अपने अपने दुख
कोई बीमारी से दुखी किसी को मिटानी है भूख
कोई बुढापे का सताया कोई करे नशे का रुख
ढूंढ रहा है हर कोई यहाँ कहाँ छुपा हुआ है सुख
कोई खोया प्रेम में यहाँ कोई यहाँ ले रहा है ज्ञान
कोई लीन भक्ति में किसी को पसंद आया ध्यान
कोई मगन चोरी चकारी में कोई यहाँ दे रहा दान
सब का अपना आकाश सब के है अपने विधान
-डॉ मुकेश अग्रवाल