भटके हुओ को राह पे
लाती है ये आँखे
अनजान मुसाफिरों को राह
दिखाती है ये आँखे
मुश्किलों में भी साथ
निभाती है ये आँखे
गम आये तो रोकर
बताती है ये आँखे
ख़ुशी में भी आंसू
छलकाती है ये आँखे
महबूब के आगे प्यार
जताती है ये आँखे
अफसाने वफ़ा के भी
सुनाती है ये आँखे
खूबसूरती का पैमाना भी
समझी जाती है ये आँखे
आशिकों को जाम भी
पिलाती है ये आँखे
शायरों के शेयरों और
कवियों की कविताओं में
बस जाती है ये आँखे
कई बार सच को झूठ में
कई बार झूठ को सच में
दिखलाती है ये आँखे
कभी कभी आँख भी
मार जाती है ये आँखे
और आदमी को पिटवाकर
बंदर बनवाती है ये आँखे
नजरो से नजर भी
मिलाती है ये आँखे
और कइयो को नजर भी
लगा जाती है ये आँखे
खुद को नजर से बचवाने को
काजल भी लगवाती
है ये आँखे
और इस तरह
दुनियाँ को दीवाना
बनाती है ये आँखे ..
