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आओ ना राधे तुम्हारा धनश्याम बुला रहा
अब तुम्हें बिन देखे मुझसे रहा ना जा रहा
मेरी हालत पर तुम कुछ तो तरस खाओ
अगर अब ना आई तो तेरा प्रीतम जा रहा ।
बहुत तड़प चुका हूँ अब और ना तड़पाओ
कब से राह निहार रहा अब तो आ जाओ ।
जग मेरे पीछे पड़ा है और मैं तुम्हारे पीछे
कुछ नज़र नहीं आता तुम्हें देखे जा रहा ।
जन्मदिन आने को है बधाई देने आ जाओ
अपने हाथो से मुझे माखन मिश्री खिलाओ
मेरी बाँसुरी की धुन भी याद करती है तुम्हें
मेरी गैया और गोवर्धन भी तुम्हें बुला रहा ।
वादा किया था तुमने संग संग रहेंगे हमेशा
आकर आज अपना वादा तो निभा जाओ
तुम बिन जीवन व्यर्थ है आज ये समझा हूँ
तुम्हारे ना आने से अब ये जीवन जा रहा ।
आओ ना राधे तुम्हारा धनश्याम बुला रहा
अब तुम्हें बिन देखे मुझसे रहा ना जा रहा ।।