आप एवं आपके पूरे परिवार को प्रकाश-पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ, भगवान राम आप को तमस से ज्योति की और गमन करने का विवेक प्रदान करे । इस उपलक्ष्य में प्रस्तुत है अभी अभी रचित मेरी एक कविता…
आओ प्रकाश पर्व बनायें
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कार्तिक की अमावस्या पर
दियों की एक क़तार बनाये,
काली रात को रोशन कर दे
धरती का भी तमस मिटाएँ।
वापस घर राम का आना
चहूं और उल्लास छा जाना ,
छोटे बड़े का भेद मिटा कर
रामराज का जश्न मनायें ।
सीता राम के साथ साथ
भरत हनुमान का चरित्र सुनाएँ,
बच्चों को संस्कार सिखाकर
एक अच्छा इंसान बनाए ।
महावीर का निर्वाण आज है
सिखों का बंदी छोड़ दिवस,
हिंदुओं के सबसे मुख्य पर्व को
आओ सब मिलजुल मनाए ।
दीप जलाकर करे उजियारा
आओ मिलकर मंगल गायें,
मन का अंधकार मिटाकर
आओ प्रकाश पर्व मनायें ।
विजय निश्चित है सत्य की
दीपावली देती ये प्रमाण,
मृत्यु का भय मिटा कर
मोक्ष की और क़दम बढ़ाए ।