एक कवि

सूर्य की किरणों तक
जंगल के हिरणों तक
चाँद की शीतलता तक
भू की भुतलता तक
कौन पहुंच सकता है – एक कवि

समुन्द्र की गहराई तक
आसमां की ऊंचाई तक
ऊँची नीची खाई तक
भगवान की सगाई तक
कौन पहुंच सकता है – एक कवि

चिडिओं की चहचाहट तक
चौरो की आहट तक
पापी के पाप तक
जहरीले सांप तक
कौन पहुंच सकता है – एक कवि

व्यवस्था की खामियों तक
व्यक्ति की बदनामियों तक
अहंकारी के अहंकार तक
सच के आकार तक
कौन पहुंच सकता है – एक कवि

वास्तविकताओं के परिदृश्य तक
झूठ के सादृश्य तक
फूलों की खुशबू तक
काँटो की चुभन तक
कौन पहुंच सकता है – एक कवि

मन के अंतर्द्वंद्व तक
मृतु के क्षण तक
आरम्भ के धरातल तक
माँ के आँचल तक
कौन पहुंच सकता है – एक कवि

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