This poem of mine is dedicated to Dr. Pooja Sharma whose about to begin an all new beautiful journey of life –
“नवपरिणया”
————–
एक सुहाग की सेज़ पर बैठी
नवपरिणया नवयौवना के मन की उमंगों का
अंदाजा लगाना शायद
ईश्वर की परिकल्पना से भी परे है
उसकी भावनाओं
उसकी आकान्शाओं के दीपक में जलती
मस्ती से परिपूर्ण लौ
किसको चूमना चाहती है
यह मनन कवियों के बस की बात नहीं
पता नहीं वो भविष्य के सपनो को
सपनो में साकार करती है
या फिर उन सपनो के मात्र
संशय रूपी महादानव के
निगलने से डरती है
असीम इच्छायों को केन्द्रित किये
उसका मन एक नए अवतार
की रुपरेखा को आमंतरण देता है
पर किसी को पता नहीं के यह अवतार
किस उद्देश्य के लिए है
यही कहानी है
हर एक दुल्हन के मन की
जो सेज़ पर बैठी है
On the behalf of the whole team of VHCA Herbals and all the doctors of AyurvedaConsultants.com, I wish Dr. Pooja Sharma a married life full of peace, health, and happiness.