जो कुछ संभव दुनिया मे सब कल्पना से आया है
सब कुछ इसी की देन है सब इस के द्वारा पाया है ।
कल्पना से जन्मा विज्ञान हर धर्म वहीं से आया है
इस शक्ति ने मनुष्य की ये सारा ही खेल रचाया है ।
कल्पना है पहला धरातल जहाँ कोई विचार आता है
शब्दो व आकृतियों द्वारा कागज़ पर उतारा जाता है ।
फिर जा कर मूर्त रूप में प्रकट खयाल हो पाता है
कला विज्ञान उदय होता संसार के काम तब आता है ।
आओ हम इस शक्ति को खुद समझे और समझाए
नव सृजन तभी सम्भव जब कल्पना शक्ति को बढ़ाए ।।