वहशीपन की हद हो गयी
सब सरहदें हो गयी पार
किस अपराध में हथिनी को
ज़ालिमों ने दिया है मार
निरीह थी गर्भवती थी
कोई बताए क्या था दोष
फल में बारूद खिलाया
जिसे सुन उड़ गए होश
तीन दिन तक तड़पी वो
वेलियार नदी मे खड़ी रही
कोई गुस्सा ना किसी पर
एकदम शांत वो पड़ी रही
खुद भी गयी और बच्चा भी
सवाल पीछे वो छोड़ गई
मानवता को शर्मशार करे
ऐसी एक कहानी छोड़ गई
केरल राज्य की ये घटना
मानव जाती पर है कलंक
हम से अच्छे जंगली जानवर
नही मचाते ऐसा आतंक
-डॉ मुकेश अग्रवाल