ये अंधेरी रात भी कुछ पल में बीत जाएगी
अपने पीछे कड़वी कुछ यादें छोड़ जाएगी
निकलेगा दिन फिर चहुँऔर फैलेगा प्रकाश
कोरोना की बात केवल बात ही रह जाएगी
एक वायरस के कारण बंद पूरी दुनिया पड़ी
काम भी ठप्प है सारी आवाजाही भी रूकी
समय की है खासियत ये कभी रुकता नही
ये मुश्किल घड़ी भी ऐसे ही निकल जाएगी
माना हम पर सितम बहुत आजकल हो रहे
मर रहे महामारी से भी और भूख से रो रहे
बस थोड़ा सा दोस्त तुम अभी इंतजार करो
जल्द ही वैक्सीन भी इसकी आ ही जाएगी
ये अंधेरी रात भी कुछ पल में बीत जाएगी
अपने पीछे कड़वी कुछ यादें छोड़ जाएगी
निकलेगा दिन फिर चहुँऔर फैलेगा प्रकाश
कोरोना की बात केवल बात ही रह जाएगी
डॉ मुकेश अग्रवाल