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भाद्रपद की शुक्लपक्ष चतुर्थी
मिलकर सब आज मानते है
अवतरण गणपति का हुआ
उनकी महिमा हम गाते है ।।
सब देवों में सब से पहले
गजानन ही पूजे जाते है
विघ्नहर्ता संकटमोचक है
आदर्श पुत्र कहलाते है ।।
हर भाग के भारत मे सब
गणेश उत्सव को बनाते है
महाराष्ट्र का कहना ही क्या
सब सुध बुध खोये जाते है ।।
लंबोदर की स्थापना कर
सब मंगलाचरण गाते है
बजाते हुए ढ़ोल नगाड़े
जल विसर्जन को जाते है ।।
व्रत उपवास करते है लोग
सुख शांति घर घर चाहते है
गौरीनंदन की कथा कहानी
से अपना सौभाग्य मनाते है ।।