आओ मिल कर आज हम
“राष्ट्रपिता” को याद करें
गांधी जी की जयंती पर
श्रद्धा के सुमन अर्पित करें।
सत्य अहिंसा के मंत्र लिए
अंग्रजो के नाक में दम किए
हाथ मे लाठी कमर पे धोती
आंदोलन पे आंदोलन किए।
गांधी जी ने अलख जगाई
स्वंतन्त्रता की की अगुवाई
सारा देश संग में खड़ा था
आज़ादी हम से मिलवाई।
स्वच्छता से था गहन प्यार
स्वावलंबन था जिनमे अपार
खादी ही जिन का पहनावा
दिया “ग्रामोदय” का विचार
टैगोर को वो “महात्मा” दिखा
नेता जी को “राष्ट्रपिता” लगा
सत्य के प्रयोग ही जीवन था
दलितों को “मसीहा” दिखा।
2 अक्टूबर को राष्ट्रीय पर्व भी
और “विश्व अहिंसा दिवस” भी
भारत के इस महान सपूत को
आओ हम श्रद्धांजलि दे सभी।।
डॉ मुकेश अग्रवाल