दोहे चोपाई सोरठे व छंद
मन मे पैदा करते आंनद
“रामचरितमानस”अनूठा
तुलसी रचित काव्यग्रंथ
भारत की चेतना में “राम”
कण कण में है “राम” बसे
“राम” का जीवन है प्रेरणा
“राम” बिना सब सून लगे
बाल्मीककृत रामायण में
पुरुषों में पुरूषोत्तम “राम”
रामचरितमानस ठहराती
भगवान के अवतारी “राम”
“मानस” पूज्य जन जन में
हर कोई इस का गान करे
अवधी भाषा मे है रचित
ये “राम” का गुणगान करे
“राम” का चरित्र जिन्होंने
“राम‘ की प्रेरणा से रचा
उन तुलसीदास को नमन
“मानस” मन मन में बसा