आओ मिलकर आज हम “चरक संहिता” का गान करें
ऋषियो के मुख से निकले चिकित्साशास्त्र का सम्मान करें
ब्रह्म प्रजापति अश्विनौ इंद्र भारद्वाज आत्रेय अग्निवेश चरक
इस तरह धरती तक पहुँचे विज्ञान का गुणगान करें ।
आयुर्वेद का प्रमुख ग्रन्थ है कायचिकित्सा है आधार
एक सौ बीस अध्यायों और आठ स्थानों का ध्यान करें
सूत्र निदान विमान शरीर इन्द्रिय चिकित्सा कल्प सिद्धि
हर व्याधि का दर्शन इसमें आओ इससे निदान करें ।
हेतु लिंग औषध को जाने सामान्य विशेष गुण कर्म पहचाने
रोगी की प्रकृति को समझे फिर रोग का समाधान करें
हर दुःख को हर लेने वाले सदियों से स्वास्थ्य देने वाले
सब से प्राचीन और कालहीन ज्ञान पर हम मान करें ।
आयुष, विज्ञान भारती और नस्या को ढेरों आज बधाई
“चरक संहिता” की सबसे बड़ी कक्षा की ज्योत जगाई
आओ हम सब भी मिलकर अपनी आहुति डालें आज
साक्षी बने इस महोत्सव के ख़ुद पर आज गुमान करें ।।