चुनोती_कर_स्वीकार

संघर्ष कर चुनोती कर स्वीकार

केवल तभी उतरेगा उस पार

बातें सारी धरी ही रह जाएगी

कर्मवीर ही बनाएगा सरकार

मौत आनी है आएगी एकदिन

इंतज़ार में तू जीवन ना नकार

नजरें बुरी है तो बुरा हर कोई

नज़रें अच्छी अच्छा है संसार

जो लोग काम आए जीवन मे

आज मौका है मान ले आभार

अब तलक यूँ ही तू जीता रहा

क्यूं मिला जीवन कर ये विचार

दिल दिमाग मे बहुत तू उलझा

सीख ले गलत को करना इंकार

बहुत तूने सिर इसे चढ़ा लिया

फेंक अब बैरी गुस्से को उतार

कौशल तुझ में अनंत है मुकेश

तराश खुदको मेहनत से उभार

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