जिस तन लागी उस तन जानी
बाकी लोगो के समझ ना आनी
कितनी सही है कितनी सयानी
बात है दोस्तो ये बड़ी ही पुरानी
दिलासा ही बस हम दे सकते है
दुःख ना किसी का ले सकते है
कितना गहरा ज़ख्म है वो जाने
बस थोड़ा मरहम बन सकते है
जब मुसीबत अपने पे पड़ती है
तब ही केवल दिखती बढ़ती है
सब ठीक होगा आसान कहना
दूजे की हमेशा छोटी दिखती है
तुम तभी जीवन का मर्म जानोगे
और तभी अपने होने को मानोगे
ख़ुद इन दुःखो से गुज़रोगे जब
तभी दूसरे की पीड़ा पहचानोगे