दूरियां बढ़ने से

क्या होता है क्यों आती है रिश्तों में दरार

प्रियतम को देखने को दिल नही चाहता

 

कसमे खाई जीवन भर साथ निभाने की

फिर क्यों प्रेमी एक पल भी नही सुहाता

 

तब इस क़दर ज़हर उगलती है ये जिव्हा

कहती थी कभी तेरे बिन रहा नही जाता

 

बात कहने को आवाज ऊंची करनी पड़े

पास रहते हुए भी सुनाई नही पड़ पाता

 

दूरियां बढने से बढ़ जाती गलतफहमियां

फिर वो भी सुनता है जो कहा नही जाता

 

डॉ मुकेश अग्रवाल

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