बहुत गिनाते रहे तुम औरों के गुण दोष
अपने अंदर झाँक लो उड़ जायेंगे होश
उड़ जाएंगे होश वहाँ क्या क्या पाओगे
खोट है तारो जितने गिनते रह जाओगे
गिनते रह जाओगे शायद समझ आएगी
एक नई इबारत उम्मीद है लिखी जाएगी
उम्मीद है लिखी जाएगी ऐसी एक दास्ताँ
जिसमे छिपे होंगे सब गुण होने के महान
गुण होने के महान जब तुम में आ जाएंगे
निश्चित ही नई दुनिया फिरसे हम बसाएंगे