23 जनवरी 1897 को भारत मे
एक महामानव का जन्म हुआ
मातृभूमि को आज़ाद करवाने
था ये सपूत अवतरित हुआ
नवक्रान्ति का सूत्रपात करने
जन जन में शक्ति पैदा करने
सोई चेतना को जागृत करने
ये क्रान्ति दूत था प्रकट हुआ
सिविल सेवा में अव्वल आकर
प्रतिभा का लोहा मनवा कर
छोड़ अंग्रेज़ो की चाकरी को
“नेता जी ” का उदय हुआ
दम अपने पर अध्यक्ष बने
कांग्रेस का संचालन हुआ
सशक्त लीडर के रूप में
आपका फिर स्वागत हुआ
द्वितीय विश्वयुद्ध में देश छोड़ा
संसार का फिर भ्रमण हुआ
मिले हिटलर से जर्मनी में
यहीं पर फिर विवाह हुआ
जापान के सहयोग से फिर
आजाद हिंद फ़ौज गठन हुआ
हुंकार भरी सिंह की मानिद
नया जलवा उजागर हुआ
“तुम मुझे ख़ून दो
मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा”
ये नारा नेता जी का
विश्व भर में प्रसिद्ध हुआ
भारत को सरताज़ बनाने
“जय हिंद” का उदय हुआ
छोटी उम्र और काम बडे थे
जग में नाम विभूषित हुआ
आओ उनकी पुण्यतिथि पर
श्रद्धा सुमन अर्पित करे
मातृभूमि को आज़ाद करवाने
था ये सपूत अवतरित हुआ
-डॉ मुकेश अग्रवाल