मॉब लिंचिंग या साजिश
ये भविष्य ही बताएगा
पालघर हत्याकांड को
कानून क्या ठहराएगा
कितनी बेरहमी से मारा
दौ सो लोगो की भीड़ ने
तीन असहायों पर प्रहार
क्या उचित कहलाएगा
मात्र शक के आधार पर
जीवन किसी का ले लेना
किसी भी दृष्टि से ये काम
क्या तर्कसंगत हो जाएगा
लॉक डाउन में इतने लोग
एक जगह कैसे इकट्ठे हुए
पुलिस की कार्यशैली पर
सवालिया निशान लगाएगा
साधु को बचाने की बजाए
उसे भीड़ के हवाले किया
कायर कलंक के वर्दी को
क्या कभी कोई धो पायेगा
भारत संतो का देश सदासे
करते हम इनका आदर है
साधुओं की निर्मम हत्या से
क्या संदेश विश्व मे जाएगा
देश की जनता का तकाज़ा
कठोर दंड मिले हत्यारो को
मात्र कहने से कुछ ना होगा
कोई दोषी नही बच पायेगा