इसी दिन जन्मे इसी दिन ज्ञान
इसी दिन हुआ था महानिर्वाण
आज का दिन बड़े महत्व का
बुद्ध पुर्णिमा का विशेष स्थान
पच्चीस सौ वर्ष पहले आज से
गौतम बुद्ध का अवतरण हुआ
शाक्य राज्य था लुम्बिनी नगर
जहाँ सिद्धार्थ का जन्म हुआ
इक्ष्वाकु वंश के राजा सुशोधन
पितारूप में सिद्धार्थ को मिले
महामाया की कोख़ से जन्म ले
मौसी गौतमी की गोद में बडे हुए
सत्य की खोज में घर को छोड़ा
संन्यासी वेश को धारण किया
छोड़ सोती पत्नी और बच्चे को
गौतम ने वन को गमन किया
छ वर्षो तक भटके वन में
खोजते रहे ज्ञान का ठौर
कौन सा रास्ता जो ले जाता
आनंद के सागर की और
अंत मे हुआ आत्मज्ञान इन्हें
ये गौतम से गौतम बुद्ध हुए
बौद्ध धर्म अस्तित्व में आया
करोड़ो लोगो जग में प्रेरित हुए
जानने पर ना कि मानने पर
सिर्फ ज़ोर था बुद्ध भगवान का
अपने दीपक आप बनो तुम
यही पूर्ण सार बौद्ध धर्म का