भाग्य-विधाता

आवश्कताओं की पूर्ति करेगें
हम को आज अपना मत दो
नही यकीं आता अगर
राम की कसम ले लो

अधूरे मंसूबे पड़े जो तुम्हारे
हम उनको सफल बनायेगे
साथ हो गर तुम हमारे
हम अवश्य जीत जायेगे

नहीं भरेगे अपने घर को
जैसे नेता भरते है
जियेगे मरेगे तुम्हारी खातिर
वादा आज ये करते है

संस्कृति को सुदृढ़ बनाना
ही हमारा लक्ष्य होगा
नहीं कोई भी यहाँ पर
किसी दूसरे का भक्षक होगा

यही आश्वासन है हमारा तुम को
निडर हो कर आओ तुम
वोट अपना देकर हमें
भाग्य-विधाता बनाओ तुम

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