समय विपत्ति का आया
धैर्य से हमे बिताना है
हम सब को मिलकर
इस संकट को मिटाना है
ये परीक्षा की घड़ी भी
हमको उतीर्ण हो जाना है
खुद भी बचना कोरोना से
औरो को भी बचाना है
भूखे सो रहे लोगो का भी
हम को पता लगाना है
फिर उनके लिए भोजन
भी मिलकर हमे जुटाना है
भीड़ इकट्ठी नही करनी
और उचित दूरी बनाना है
सेवा करते हुए भी हम को
अपना फर्ज निभाना है
सुनिश्चित कर के हर घर
में हमे राशन पहुँचाना है
भूख से ना मरे कोई भी
हमे मानव धर्म निभाना है
-डॉ मुकेश अग्रवाल