गोदान गबन सी रचनाएं
जिन के द्वारा गयी रची
आओ याद करे मुंशी को
यादे उनकी दिल मे बसी
साहित्य के फैले नभ में
मुन्शी ध्रुवतारे से शोभित
उनकी कीर्ति पताका से
भारत जग में आलोकित
गरीब घर ग्रामीण अंचल
साधारण परिवेश में पले
कालजयी कलम के धनी
असाधारण सोच में ढले
आदर्श यथार्थवाद प्रेरित
इन्होंने साहित्य था रचा
कहानी और उपन्यास में
ना इनका कोई सानी रहा
आओ इनकी जन्म जयंती
मिल कर सब मनाए हम
मुंशी प्रेमचंद जी को आज
श्रद्धा के सुमन चढ़ाए हम