मैं हर युग मे आऊंगा

जब धर्म की होगी हानि और अधर्म बढ़ जाएगा

तब लूंगा अवतार धरा पर मैं हर युग मे आऊंगा

भाइयो में होगी लड़ाई एकदूजे का खून बहाएगा

तब लूंगा अवतार धरा पर मैं हर युग मे आऊंगा

चहुँओर नफ़रत बस किसी को कोई ना सुहाएगा

तब लूंगा अवतार धरा पर मैं हर युग मे आऊंगा

मानव अपना बैरी होगा खुद को ही खा जाएगा

तब लूंगा अवतार धरा पर मैं हर युग मे आऊंगा

सच्चाई का होगा क्षय और अनाचार बढ़ जाएगा

तब लूंगा अवतार धरा पर मैं हर युग मे आऊंगा

त्रेतायुग में भी राम रूप में मैंने धनुष उठाया था

रावण मेघनाथ का तब मैंने अहंकार गिराया था

द्वापर में भी कृष्ण रूप में मैंने चक्र चलाया था

कंस और दुर्योधन जैसो का मैंने दंभ मिटाया था

कलयुग में तेरे पापो का जब घड़ा भर जाएगा

तब लूंगा अवतार धरा पर मैं हर युग मे आऊंगा

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