युद्ध कोई हो जीवन का
केवल विनाश ही लाता है
पर सत्य कहाँ हमे कभी
ये समझ मे आता है
हर घड़ी हर क्षण हर एक
खड़ा है युद्ध के घाट पर
पर ये नदी है लहू की
कोई नही बच पाता है
युद्ध भीतर भी है बाहर भी
मानो जीवन एक युद्ध है
जागरूकता से ही मानव
विभीषिका के बाहर आता है
इतिहास उठा कर देखो तुम
समझ तुम्हे आ जाएगा
हर कार्य के पीछे कारण
युद्ध भी यही ठहराता है
युद्ध बड़ा हो या छोटा
उसे टाला जा सकता है
अहंकार को बस में करने से
युद्ध चोटिल हो जाता है
इतना समझ लो केवल तुम
युद्ध कोई विकल्प नही है
मानव धर्म भी शांति को ही
केवल उचित ठहराता है