रंगो का त्यौहार है होली
आओ मिल-जुल खेले हमजोली
सब आपस में रंग लगाए
ऊँच नीच का भेद मिटाए !!
राजा रंक सब एक समान
कोई नीच ना कोई महान
एक दूजे में घुल मिल जाए
खूब हँसे और खूब हँसाये !!
आओ फूलो से खेले होली
थोडा सा फिर गुलाल लगाए
रंग बिरंगे चेहरे ले कर
आओ शहर घूम कर आये !!
ढोल नगाड़े संग मस्ती करते
हर चोराहे पर धूम मचाये
जो भी मिले प्यार से उसके
चेहरे पे फिर रंग लगाए !!
प्यार प्रेम से गाते बजाते
वापिस फिर मोहल्ले में आए
नुक्कड़ पर फिर मिलजुल कर
2-4 पकौड़े भाँग के खाए !!
मस्ती में फिर झूम झूम के
फ़िल्मी गानो पे ठुमके लगाए
जय जय शिव शँकर के बोल पर
आओ नाचे और नचाए !!
इस तरह सब मिलजुल कर
रंगो का ये पर्व मनाये
वैर भाव को मिटा के जड़ से
आओ होली को सार्थक बनाए !!!