चैत्र मास शुक्ल नवमी को
श्रीराम का अवतार हुआ
त्रेता युग मे अधर्म मिटाने
नारायण नर में साकार हुआ
अयोध्या के राजा दशरथ को
पिता बनने का सौभाग्य हुआ
कौशल्या माता बनी इनकी
था कौशल देश कृतज्ञ हुआ
राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न
दशरथ के चार कुमारो का
जनक राजकुमारियों संग
धूमधाम से विवाह हुआ
पिता के वचन निभाने को
14 वर्ष का वनवास हुआ
संग सीता और लक्ष्मण के
था गृहस्थी में सन्यास हुआ
साथ हनुमान सुग्रीव को ले
रावण दम्भ का नाश हुआ
विभिक्षण को लंका सौंपी
अयोध्या फिर प्रवास हुआ
पुरूषोत्तम के राजतिलक से
रामराज्य का आगाज हुआ
अराजकता मिटी धरती से
धर्म नीति का प्रसार हुआ
रामनवमी को पूरा ही देश
बड़े धूमधाम से मनाता है
भारत को भारत बनने में
रामजन्म ही आधार हुआ