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आओ मिलकर उल्लास से
आज लोहड़ी का पर्व मनाए
रेवड़ी और मूंगफली के सङ्
उपलो की फिर आग जलाएं
भूने अवगुणों को अपने
सद्गुणों की लौ सुलगाए
मिले प्रेम से एक दूजे से
मस्ती में फिर नाचे गाए
याद करे दुल्ला भट्टी को
उनके जीवन से शिक्षा पाएं
बेटियों का सम्मान करें हम
बेटी बचाए और बेटी पढ़ाए
मकर सक्रांति से पहले दिन
उमंगो का त्यौहार यह आए
इकट्ठे हो सब एक जगह पर
सामाज मे समररसता लाए