जो जलाता चिंताओं की चिता – वो है पिता
जो महकाता खुशियों का जहाँ – वो है पिता
जो सुलगाता अँधेरे में चिराग – वो है पिता
जो दिखाता मुश्किलों में राह – वो है पिता
जो पढ़ाता पाठ नया हर रोज – वो है पिता
जो सिखाता खुद रास्ता खोज – वो है पिता
जो चलाता परिवार का ठेला – वो है पिता
जो बनाता हर दिन को मेला – वो है पिता
जो उठाता बच्चों के नाज – वो है पिता
जो बुझाता जठर की आग – वो है पिता
जिस के कारण दिन है होली – वो है पिता
जिस के कारण रात दीवाली – वो है पिता