माघ पूर्णिमा को काशी में
था एक संत पैदा हुआ
नाम था रविदास इनका
संवत 1398 में जन्म हुआ ।
समाज की कुरीतियों पर
करारा कुठाराघात किया
जात-पात का अंत करने में
आप ने बहुत काम किया ।
अपने रूहानी वचनों से
सब का मन मोह लिया
एकता और भाईचारे से
समाज को नवदर्शन दिया ।
मन चंगा ते कठौती में गंगा
जैसे आप ने पद थे रचे
अंधविश्वास अंधश्रद्धा पर
अपनी लेखनी से तंज कसे ।
राम कृष्ण रहीम सब एक
अलग अलग बस नाम
वेद पुराण कुरान सब ग्रंथ
करते एक का ही गुणगान ।
अभिमान बड़प्पन तजो
बस तो ही मिलें भगवान
गर अहंकार हावी रहा
ना बन पाओगे इंसान ।
अर्जुनदेव ने गुरुग्रंथ में
दिया 40 पदों को स्थान
मीराबाई बनी थी शिष्या
ऐसे आप पुरुष महान ।।
डॉ मुकेश अग्रवाल