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ख़ुद में ही खुदा है
जब ये नज़र आया
तब जीने का मुझे
एक नया शऊर आया ।
सुना बहुत पढ़ा बहुत
पर समझ नहीं आया
जब अपने अंदर झाँका
छिपा वहीं नज़र आया ।
बदल गयी नज़र मेरी
नया नज़ारा नज़र आया
सिर्फ़ इतना बदलते ही
सब बदला नज़र आया ।
तन बदला मन बदला
जीने का एक ढंग आया
मैं और तू का भेद मिटा
सब में वो नज़र आया ।।