भाग कर अपने घर को जाते प्रवासी मजदूर
लॉकडाउन के चलते रोजगार गंवाते मजदूर
भूखे प्यासे पैदल ही पलायन को है मजबूर
परिवार को संग ले लंबा चलते जाते मजदूर|
कई दिन सड़को को ही बसेरा बनाते मजदूर
दर्दनाक दुर्घटनाओं में मारे भी जाते मजदूर
रोटी ना मिलने से भूख से भी टकराते मजदूर
घर पहुँचने की उम्मीद में चलते जाते मजदूर|
कोसो दूर घरसे पड़े जीवन यापन को मजबूर
लॉकडाउन के चंगुल में फंसे है लाखो मजदूर
सरकारों से आस लगा रहे बेबस बेघर मजदूर
बिना मदद अपने घर को चलते जाते मजदूर|
सबकी यही चिंता है फैलाएंगे कोरोना मजदूर
पर ये समझना होगा क्यों पलायन को मजबूर
प्रशासन पूरी मदद करे परेशान ना हो मजदूर
यही दुआ है हमारी सुरक्षित घर पहुंचे मजदूर|
डॉ मुकेश अग्रवाल