नन्हा प्यारा फूल है आया,
खुशियों की सौगात है लाया,
इस रिम झिम सावन में आकर,
सबके मन को खूब है हर्षाया,
मुख चंदा है,काया चन्दन,
मोह जाल का कैसा बंधन,
जो भी देखे वो ही कहता,
कितना सुंदर रूप है पाया,
नन्हा…………….!
कितना सुंदर लगन है देखो,
जनामाष्टिमी आने को है,
बड़ा भाई बलराम सरीखा,
तो छोटा कृषण बन आया,
नन्हा…………….!
दादा दादी अति प्रसन्न है,
आज चारो और मधुवन है,
काले काले इन मेधो ने,
कितना मधुर गीत है गाया,
नन्हा…………..!