नरो में इंद्र है जो,
वो नरेश कहलाता है !
सब के दिलो पर राज है करता,
सब के मनो को लुभाता है !
सन १९८५ में एक,
शुभ समय फिर आता है !
उषा संग विवाह से,
जीवन सफल हो जाता है !
सब से पहले गरिमा,
इन की बगिया महकाती है !
फिर अर्चित और आकाश से,
जीवन में खुशियाँ आती है !
बच्चो से उम्मीद है,
ये गौरव बढाएंगे !
माता पिता का नाम,
पूरी दुनिया में चमकाएंगे !
शादी की २५वी वर्षगाँठ पर,
इकठा हुआ सारा परिवार !
बधाई देने आज,
सभी मित्रगण,रिश्तेदार !
आज इनकी रजत जयंती पर,
हमारी भी बधाई है !
जीवन में सब खुशिया मिले,
विधाता से दुहाई है !