हिमालय से बुलंद होंसले
हम भारत के सिपाही है
कोई नही टिकता आगे
जब अपनी पे आ जाए है
चाहे चीन हो या पाक हो
सब हम से घबराते है
जब हम सामने आते है
ये भीगी बिल्ली हो जाते है
देश की सुरक्षा की खातिर
हम ने छोड़ा घर बार है
आँच आये अगर देश पर
जीवन हमारा बेकार है
अपनी आन पर हम सब
मर जाएंगे मिट जाएंगे
नाको चने चबवाकर ही
दुश्मन को बाज हम आएंगे
आज चीन ने आगे बढ़ कर
हमे युद्ध को ललकारा है
शांति की हमारी पहल को
उसने आज नक्कारा है
मन हमारा भी है अब तो
लड़ाई आरपार हो जाए
बहुत से बदले लेने बाकी
आज सब हिसाब हो जाए