जीवन मिले या मरण मिले
सख़्त अपने निशान रखिये
एक सा हो दोनों का असर
बरकरार अपनी शान रखिये
गुमसुम से तुम चले गए तो
फिर जिंदगी हँसी उड़ाएगी
मौत आने पर भी मुसाफिर
होंठों पर मुस्कान रखिये
सुख दुःख आते जाते रहते
कभी कम कभी ज्यादा
परवाह करना छोड़ इनकी
कर्मो पर बस ध्यान रखिये
नींद उड़ेगी दर्द भी होगा
जब जीवन तुम्हे रुलाएगा
सहनशक्ति बढ़ाओ अपनी
और थोड़ा इत्मीनान रखिये
अंदाजे बयां तेरा बताएगा
तूं कितना ज्यादा है घायल
अंत समय मे भी अपनी
एक खास पहचान रखिये