पीटर थील की ज़ीरो टू वन से आप को मिलवाता हूँ
संक्षेप में इस पुस्तक का सार आप को बतलाता हूँ
हो गर बड़ा करने की इच्छा ओर स्टार्टअप का मन
तो ध्यान से सुनना मित्रों और उस पर करना मनन
ग्रोथ दो प्रकार की होती वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल
हॉरिजॉन्टल है वन टू एन वर्टीकल होता जीरो टू वन
तीन पाठ बिज़नेस के ये पुस्तक हम को सिखाती
एक अलग नजरिया सोचने का ये हम को दे जाती
नया कुछ बनाना होगा जिस की दुनिया को जरूरत
तभी लिख पाओगे केवल सफलता की नई इबारत
मोनोपोली से हमेशा ही होता हर एक को फायदा
चाहे बिज़नेस हो या समाज यही कहता है क़ायदा
संस्थापक का विज़न होता है कंपनी को बनाने में
वही विज़न फिर काम करता कंपनी को उठाने में
नेटवर्क से मिलती है कंपनी को व्यापक पहचान
इकॉनमी ऑफ स्केल बढ़ाता बिज़नेस का रुझान
ब्रांडिंग से मिलता है मोनोपोली को नव आधार
कंपनी के प्रसार में करो इस कि महत्ता स्वीकार
प्रोडक्ट क्वालिटी सब से जरूरी ये इमेज बनाती
गुणवत्ता से जगता विश्वास ये कंपनी को चलाती
संक्षेप में समझे तो ये है अद्वितीय पुस्तक का सार
वर्टीकल ग्रोथ जरूरी गर सफलता चाहते हो अपार