एक दार्शनिक एक योगी
समाज सुधारक पैदा हुआ
सिख धर्म के संस्थापक का
भारतभू पर अवतरण हुआ।
1469 को इनका तलवंडी में
कार्तिक पूर्णिमा को जन्म हुआ
बचपन मे ही स्कूल था छुटा
अध्यात्म से नाता गहन हुआ।
परिणय में बंधे सुलखनी से
दो पुत्रों का फिर जन्म हुआ
चार साथियों संग घर छोड़ा
तीर्थो की और गमन हुआ।
चार यात्रा चक्र पूरे किए
कई देशों का भ्रमण हुआ
उपदेश थे चारों और फैले
उदासियों का जन्म हुआ।
मूर्ति पूजा का विरोध किया
नई उपासना का जन्म हुआ
दर्शन इनका सूफ़ियों जैसा
सिख पंथ का उदय हुआ।
ख़ूब बढ़ी ख्याति इनकी
एक नव सूर्य उदित हुआ
करतारपुर नगर बसाया
1539 परलोक गमन हुआ।
आओ गुरुपर्व मनाये आज
बाबा नानक का जन्म हुआ
विश्वबंधुत्व का दिया जगाने
एक महामानव अवतरण हुआ।।
-डॉ मुकेश अग्रवाल