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सृष्टि की आधी संतति को
आओ मुख्य धारा में लाएँ
एक समान सब बेटा बेटी
आओ बेटी को ख़ूब पढ़ाएँ ।
बेटी से है हर घर में रोनक
आओ घर घर बेटी लाएँ
बेटी भूखी तो घर भूखा है
आओ बेटी को ख़ूब खिलाएँ ।
आज बेटी कल बहू बनेगी
आओ उत्तम शिक्षा दिलवाएँ
छोड़ पुरानी परम्पराओ को
आओ नया समाज बनाएँ ।
मार देते जो कोख में बेटी
आओ उनको भी समझाएँ
भ्रूण हत्या के दोषियों को
आओ मिलकर पाठ पढ़ाएँ ।
बेटियों का खोया सम्मान
आओ फिर वापिस दिलवाएँ
उपनिषदो की संस्कृति लाकर
आओ भारत का गौरव बढ़ाएँ ।।