कभी कभी इस दुनिया मे
महामानव जन्म ले लेते है
अपने कर्मो से ये युगपुरुष
धरा को धन्य कर देते है
ऐसे ही एक महामानव का
भारतभूमि पर जन्म हुआ
नाम था रवींद्रनाथ टैगोर
पूरे विश्व मे प्रसिद्ध हुआ
लेखक कवि व संगीतकार
नाटककार चित्रकार भी थे
कलम कूची वीणा के जरिये
दुःखो के तारणहार भी थे
रविन्द्र संगीत की रचना की
भारत का राष्ट्रगान खिला
गीतांजलि काव्यसंग्रह हेतु
साहित्य का नोबेल मिला
महात्मा विशेषण से टैगोर ने
गांधीजी को सुशोभित किया
शांतिनिकेतन जैसा संस्थान
दुनिया को अर्पित किया
प्रकति के लिये अद्भुत प्रेम
रविन्द्र की हर रचना में दिखा
उपनिषद अध्यात्म की शरण
युगदृष्टा का पूरा जीवन कटा